Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -08-Mar-2022 - आरज़ू

आंखों में नमी आ रही ,
मन में बेचैनी छा रही |
कहां हो तुम सजन जी ,
याद तुम्हारी सता रही |
खयालात बुरे मन में आए ,
आकर मुझको बहुत सताए |
बोल किसी के न भा रहे ,
नीर झर झर बहे जा रहे |
फोन तुम्हारा लगता नहीं ,
कोई खबर तुम्हारी मिली नहीं |
खुद को मैं समझाऊं कैसे ,
चिंता मेरी बढ़ती जा रही |
जान पर मेरी बन आई अब ,
सुकून मिलेगा न जाने कब |
मुस्कुराहट गायब हो गई मेरी ,
रूह भी भटक रही मेरी अब |
आरज़ू मिलन की सता रही ,
हालात विरहन के जैसे हो गए ,
हम तो अब जाने कहां खो गए |
आ जाओ सनम हम तेरे हो गए ,
होश भी बिन तेरे गुम मेरे हो गए |
राहत न दे रही कोई भी शय मुझे ,
चांद भी आकर सता रहा मुझे |
गुमसुम क्यों हो पूछ रहे अब सभी ,
जिंदगी भी फिसलती लग रही अभी |
तू ही बता मुस्कुराहट को मनाऊं कैसे ,
मैं आरज़ू को अपनी मिटाऊं कैसे ||

प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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5 Comments

Lotus🙂

09-Mar-2022 07:22 PM

बहुत खूब

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Shrishti pandey

09-Mar-2022 02:40 PM

Nice

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Niraj Pandey

08-Mar-2022 08:09 PM

जबरदस्त👌

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